Friday, July 29, 2016

कहाँ है महंगाई? सिर्फ दाल ही तो महँगी हुई है - वित्त मंत्री जेटली

महंगाई को लेकर मची हायतौबा और आंकड़ों के सहारे आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार दाल को छोड़कर किसी भी अन्य चीज में महंगाई मानने को तैयार नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि राजग के दो साल के कार्यकाल में महंगाई में कमी आई है और अच्छे मानसून के बाद इसमें और कमी की संभावना है। उन्होंने दालों की कीमतों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि सरकार इसमें और वृद्धि रोकने के प्रयास कर रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लोकसभा में महंगाई पर हुई चर्चा में राजग कार्यकाल में महंगाई बढ़ने के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि उनकी सरकार को महंगाई की ऊंची दर संप्रग सरकार से विरासत में मिली थी। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि तेज आवाज में बोलना आंकड़ों का विकल्प नहीं है, उन्हें संप्रग कार्यकाल और आज के दामों की तुलना करनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग ने जिस गंभीर स्थिति में सरकार को छोड़ा था, वैसी हालत में चुनाव लड़ने वाला कोई भी उम्मीदवार महंगाई कम करने का वादा करेगा। जेटली ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद महंगाई नियंत्रित करने संबंधी कदम उठाए गए हैं। वैसे, उन्होंने स्वीकार किया कि दालों की ऊंची कीमतें सरकार के लिए भी चिंता की वजह बनी हुई हैं। इसे दूर करने के लिए सरकार दालों की मांग और आपूर्ति के अंतर को दूर करने के प्रयास कर रही है। फिलहाल यह अंतर 60 लाख टन का है। जेटली ने कहा कि इस वर्ष दो करोड़ टन दालों के उत्पादन की संभावना है जबकि मांग आमतौर पर 2.30 करोड़ टन की रहती है। राहुल गांधी की तरफ से महंगाई कम करने संबंधी तारीख बताने की मांग की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे मुद्दे नीतियों के जरिये तय होते हैं, न कि तारीख से।

महंगाई पर वादा भूली सरकार: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को महंगाई मुद्दे पर केंद्र सरकार को संसद में जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि दाल, टमाटर और अन्य जरूरी चीजों की कीमतें पिछले दो सालों में तीन गुनी से ज्यादा हो गई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की 2014 के उस चुनावी भाषण की याद दिलाकर सरकार को घेरा जिसमें मोदी ने सत्ता में आने पर महंगाई खत्म करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि अरहर दाल दो सौ रुपये प्रति किलो बिक रही है जबकि उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रुपये किलो है। राहुल ने यह भी कहा कि लोग ‘अरहर मोदी- अरहर मोदी’ का नारा लगा रहे हैं। दरअसल, राहुल ने भाजपा के ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ के चुनावी नारों पर चुटकी ली। 

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साभारजागरण समाचार 
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