Saturday, July 23, 2016

हरियाणा के कर्मचारी अब प्रोबेशन पीरियड पूरा होते ही 'कन्फर्म'; पुरुषों को भी 15 दिन का पितृत्त्व अवकाश

प्रदेश सरकार ने सन 1953 में बनाए गए पंजाब सिविल सेवा नियमों को निरस्त करते हुए हरियाणा सिविल सेवा नियम लागू कर दिए हैं। अब कर्मचारी अपनी परिवीक्षा (प्रोबेशन) अवधि के संतोषजनक रूप से पूरा होने पर प्रथम नियुक्ति पद पर ही ‘कन्फर्म’ माने जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सभी पुरूष कर्मचारी अपनी पत्नी की
प्रसूति के दौरान 15 दिन का पितृत्व अवकाश लेने के पात्र होंगे। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने शुक्रवार को यहां बताया कि पुरूष कर्मचारी अपने दो से कम बच्चों के होने पर पत्नी की प्रसूति या एक वर्ष से कम आयु के बच्चों को गोद लेने के समय 15 दिन का पितृत्व अवकाश प्राप्त करने के पात्र होंगे। हरियाणा सिविल सेवा नियमों के तहत अब प्रत्येक कर्मचारी को उनकी परिवीक्षा अवधि के संतोषजनक रूप से पूरा होने पर उनकी प्रथम नियुक्ति पद पर ही ‘कन्फर्म’ कर दिए जाएगा, चाहे स्थायी पद उपलब्ध हो या न हो। कैप्टन ने बताया कि किसी अन्य विभाग या सरकार में एक्स-कॉडर पद पर कार्यरत वर्तमान कर्मचारियों को यह विकल्प देना होगा कि वे किस कॉडर या पद पर रहना चाहते हैं। उच्च पद से निम्न पद पर नियुक्ति के मामले में वेतन सुरक्षित नहीं किया जाएगा चाहे इसका कोई भी कारण हो।
खतरनाक काम करने वाले कर्मचारी 730 दिन के अवकाश के हकदार: खतरनाक मशीनरी या विस्फोटक सामग्री की संभाल की डयूटी करने वाले ग्रुप डी या ग्रुप सी के कर्मचारी अब केंद्रीय तर्ज पर 120 दिन के बजाय 730 दिनों का अस्पताल अवकाश प्राप्त करने के पात्र होंगे। जनहित में स्थानांतरण के मामले में कर्मचारी को दो हजार रुपये या इससे अधिक की कंपोजिट ट्रांसफर ग्रांट दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, सभी कर्मचारी कार की खरीद के लिए अपने जीपीएफ में से राशि निकलवा सकेंगे, चाहे उनका वेतन कितना ही हो। दूसरे मकान के लिए जीपीएफ से निकलावाई जाने वाली राशि की सीमा को जीपीएफ में उपलब्ध राशि का 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया है।

  • सेवानिवृत्त कर्मचारी के विरुद्घ किसी भी समय न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
  • 20 किलोमीटर या इससे अधिक दूरी के स्टेशन पर दौरे के समय ही दैनिक भत्ता दिया जाएगा।
  • लोक निर्माण विभाग के विश्रम गृह या हरियाणा भवन आदि में रूकने पर हुए खर्च का पुनर्भुगतान किया जाएगा। इसके लिए कर्मचारी को अपने दैनिक भत्ते का 25 प्रतिशत छोड़ना होगा।
  • होटल में ठहरने के मामले में पूरे दैनिक भत्ते की बजाय आधा दैनिक भत्ता दिया जाएगा क्योंकि होटल द्वारा नाश्ता नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाता है।

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साभारजागरण समाचार 
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