Thursday, April 14, 2016

सरकारी स्कूलों में वर्दी खरीद के बदलेंगे नियम

सरकारी स्कूलों में प्राथमिक व मिडिल कक्षाओं के विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी दी जाती है व इसके लिए स्कूल प्रभारी वर्दियां खरीदते हैं। आने वाले सत्र के लिए स्कूलों को वर्दियां खरीदने को मना किया गया है। इसकी वजह यह है कि इस नीति में बदलाव किया जाना है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि स्कूलों की वर्दियों की
निशुल्क वितरण नीति में बदलाव होना है या फिर वर्दियों में बदलाव किया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
सभी डीईईओ को भेजा है पत्र: मौलिक शिक्षा निदेशक की तरफ से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में लिखा गया है कि वे अपने इलाके के स्कूलों के प्रभारियों को सूचना दें कि वे अगले सत्र के लिए वर्दी न खरीदें। पत्र में कहा गया है कि कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी दिए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार की नीति में परिवर्तन किए जा रहे हैं। ऐसे में आदेश दिए जाते हैं कि वर्दी खरीदने संबंधी सभी कार्यवाही पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी जाए और स्कूल इंचार्जो को भी इस बारे में सूचित कर दिया जाए। हालांकि पत्र में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि विभाग की तरफ से नीति में क्या परिवर्तन किए जाएंगे?
400 रुपये प्रति छात्र बजट: सर्व शिक्षा अभियान के तहत हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए विभाग की ओर से मुफ्त वर्दी वितरित करने का बजट जारी किया जाता है। जिसके तहत 400 रुपए प्रति विद्यार्थियों के हिसाब से स्कूलों के अकाउंट में फंड भेजा जाता है। जिसके बाद स्कूल प्रभारी विद्यार्थियों की यूनिफार्म तैयार कराते हैं।  
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साभारजागरण समाचार 
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