Thursday, February 11, 2016

जेबीटी भर्ती मामला: क्लर्क ने हाईकोर्ट में कहा नहीं चला कंप्यूटरों का पता

हाईकोर्ट की ओर से हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती की मेरिट से जुड़े परिणाम के मामले में कंप्यूटर को लेकर मांगी गई जानकारी पर संबंधित क्लर्क ने कहा है कि उसके पास परिणाम का दस्तावेजी रिकार्ड तो था, लेकिन कंप्यूटर्स के बारे में उसे कुछ नहीं पता। उसके पास इससे संबंधित कोई कंप्यूटर भी नहीं लाया गया है। उसने ऐसे किसी कंप्यूटर की शिनाख्त नहीं की, जिसमें असल परिणाम फीड किया गया हो। क्लर्क के यह बात हाईकोर्ट में पेश होकर कही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।अब हाईकोर्ट ने सरकार से फिर शपथ पत्र के जरिये जवाब मांगा है। पूछा है कि कंप्यूटरों में परिणाम कब तैयार हुआ, यह कंप्यूटर कहां रखे गए और किस-किस की कस्टडी में कब-कब रहे। जस्टिस ऋतु बाहरी की एकल बेंच ने मामले की सुनवाई 17 फरवरी केलिए स्थगित कर दी है। हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई पर कहा गया था कि परिणाम का कॉन्फिडेंशल रिकार्ड त्रिलोक चंद के पास रहा, लेकिन बुधवार को मनोज नामक क्लर्क को पेश किया गया और मनोज ने उपरोक्त खुलासा हाईकोर्ट में किया है। बेंच ने सरकार से पूछा था कि जो कंप्यूटर सीएफएसएल को जांच के लिए भेजे गए, सीएफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से किसी कंप्यूटर में असल परिणाम का डाटा नहीं है। उधर, सरकार कहती आ रही है कि असल कंप्यूटर इन्हीं में से एक है। 
जेबीटी शिक्षकों के 9455 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को सही ठहराते हुए हरियाणा के सरकारी वकील ने हाईकोर्ट से कहा था कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लिहाजा इनको नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक हटाई जाए। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सीएफएसएल रिपोर्ट पर बहस करने को कहा था। सरकार ने कहा था कि एमए पास अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक दे दिए गए थे, जो कंप्यूटर पर परिणाम तैयार करते वक्त गलती से इंटरव्यू के अंकों में जुड़ गए।
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साभार: अमर उजाला समाचार 
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