Sunday, January 31, 2016

बाल संरक्षण आयोग जांच करेगा स्कूल बसों की

प्रदेश में स्कूली वाहनों की जांच कर उसका जवाब हाईकोर्ट में 18 फरवरी को दाखिल करने के लिए यह जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट विभाग के बजाय हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग को सौंपी है। आयोग का प्रत्येक सदस्य टीम के साथ 3-4 जिलों में तीन से चार हजार बसों तक की जांच करेंगे। यह जांच एक से छह फरवरी
तक की जाएगी। एक दिन में आयोग को चार जिले की स्कूल बसों की जांच करनी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। स्कूली बसों के नार्म्स पूरे होने के लिए जनहित याचिका लगी है। इसमें स्कूली बसों में हाईकोर्ट की गाइडलाइन पूरी करने के मामला उठाया है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया था कि चालक अनट्रेंड हैं, जिससे बच्चों की जान जोखिम में हैं। बसों में सीसीटीवी स्टाफ नहीं होता। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए आयोग को जांच करने के आदेश दिए थे। वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने आयोग के छह पदाधिकारियों को बसों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक फरवरी को आयोग के पदाधिकारी बाल कृष्ण गोयल टीम के साथ झज्जर, रेवाड़ी, गुड़गांव, फरीदाबाद में जांच करेंगे। दो फरवरी को सुनीता देवी सोनीपत, पानीपत तथा करनाल में, तीन फरवरी को दीपा जैन रोहतक, महेंद्रगढ़ तथा रोहतक, चार फरवरी को रमनदीप कौर कैथल, फतेहाबाद, जींद में स्कूली बसों की जांच करेंगे। पांच फरवरी को परमजीत बडौला अम्बाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और छह फरवरी को सुशील वर्मा भिवानी, पलवल, मेवात तथा सिरसा में बसों की जांच करेंगे। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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