Sunday, November 29, 2015

एसपी से दुर्व्यवहार मामले में एससी कमीशन ने मुख्य सचिव से किया जवाब तलब

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भले ही फतेहाबाद की एसपी संगीता कालिया द्वारा अवैध शराब की बिक्री मामले में सरकार पर उठाई गई अंगुली को मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने विज और संगीता कालिया की भरी मीटिंग में हुई तकरार पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से एक सप्ताह में पूरा विवरण तलब किया है। इसके बाद आयोग कोई फैसला ले सकता है।
आयोग के सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सांसद चौ. ईश्वर सिंह ने मुख्य सचिव डीएस ढेसी को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। ईश्वर सिंह के अनुसार संगीता कालिया न केवल दलित समुदाय से है, बल्कि महिला भी हैं। संविधान की धारा 338 में साफ प्रावधान है कि दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर, पंचायत में अथवा सभा में अपमानित नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर सीधे एफआइआर दर्ज होगी, लेकिन राज्य सरकार के मंत्री ने न तो इस प्रावधान का अनुपालन किया और न ही दलित महिला के नाते एसपी को सम्मान दिया। मंत्री ने महिला अधिकारी की पूरी बात सुने बिना उन्हें मीटिंग से गेट-आउट (बाहर चले जाने को) कहकर उनका अपमान किया है। आयोग के सदस्य ने कहा कि अनिल विज ने मंत्री पद ग्रहण करते हुए जो शपथ ली थी, उसका भी उल्लंघन किया है। शपथ में साफ जिक्र होता है कि कोई भी मंत्री किसी भी मामले में निष्पक्ष जांच के बाद प्रमाण मिलने पर न्याय करेंगे, लेकिन विज ने दलित महिला अधिकारी पर भरी मीटिंग में बिना जांच के यह सर्टिफिकेट दे दिया कि वह शराब बिकवाती है, जबकि ऐसा कोई प्रमाण राज्य सरकार अथवा अनिल विज के पास नहीं है। इसलिए यह सीधे-सीधे दलित व महिला उत्पीड़न का मामला बनता है।
रामबिलास ने किया विज का बचाव, कहा अफसर की नहीं होती कोई जाति: संसदीय कार्य एवं शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने सीनियर मंत्री अनिल विज का बचाव किया है। उन्होंने आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह के बयान का विरोध करते हुए कहा कि आइपीएस अधिकारी की कोई जाति नहीं होती। अधिकारी का रवैया ठीक नहीं था। उन्होंने कैबिनेट मंत्री के दर्जे का सम्मान नहीं किया और फिर कोई अफसर गलत बयानबाजी कैसे कर सकता है।
आयोग के चेयरमैन ने भी मांगा विज से इस्तीफा: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया ने भी मंत्री विज के व्यवहार पर सवाल खड़े करते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है। पुनिया ने कहा कि दलित व महिला अफसर से र्दुव्‍यवहार नाकाबिले-बर्दाश्त है। 
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साभारजागरण समाचार 
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