Saturday, November 28, 2015

गीता के इलावा कुरान और बाइबिल भी पढ़ेंगे एमपी के बच्चे

मध्य प्रदेश के स्कूलों में भगवत गीता पढ़ाए जाने को लेकर मचे बवाल के बाद सरकार गीता के साथ ही अब कुरान, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों को भी स्कूलों में पढ़ाने की तैयारी में है। प्राइमरी और अपर प्राइमरी पाठयक्रम में इन ग्रंथों के धार्मिक सार को शामिल करने का एक प्रस्ताव भी पाठयक्रम स्थायी समिति को भेज दिया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
 यदि समिति की मुहर लग गई तो नए सत्र (2016-17) में बच्चे गीता, कुरान, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहिब के सार पढ़ते नजर आएंगे। पाठयक्रम में प्रमुख धार्मिक ग्रंथों का सार शामिल करने के पीछे जो मंशा बताई गई है वो ये है कि बच्चे कम उम्र में नैतिक शिक्षा के अलावा अपने धर्म के साथ अन्य सभी धर्मो की जानकारी और उनके महत्व को समझ सकेंगे। अपने धर्म के साथ ही दूसरे धर्म के प्रति सम्मान व आदर की भावना पैदा होगी। बच्चे सुयोग्य नागरिक बनेंगे और उनके भीतर सर्वधर्म समभाव का महौल पैदा होगा। स्कूलों में धर्मो की शिक्षा दी जाए या नहीं, फिलहाल इस पर निर्णय 16 सदस्यीय पाठयक्रम समिति लेगी। कहा जा रहा है कि 30 नवम्बर को समिति की बैठक होने वाली है। जिसमें पाठयक्रम में धर्मो का सार श्लोक व आयतों के रू प में शामिल किया जाए या नहीं, इस पर चर्चा हो सकती है। 
कविताओं के अलावा किसानी भी जानेंगे: बच्चों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान देने के लिए पाठयक्रम में नई कविताएं, खेती-किसानी व बागवानी भी शामिल की जाएगी। 
शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। प्रारंभिक शिक्षा के पाठयक्रम में प्रमुख धार्मिक ग्रंथों का सार शामिल किया जाए या नहीं यह निर्णय पाठयक्रम समिति करेगी - दीपक जोशी, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री मप्र ।
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साभारजागरण समाचार 
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