Saturday, October 3, 2015

‘मन की बात’ के बहाने सुधरेंगे स्कूलों के दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ के बहाने सरकारी स्कूलों में धूल फांक रहे एजुसेट सिस्टम में सुधार की कवायद शुरू हो गई है। शिक्षक दिवस हो या बाल दिवस, संसाधन के अभाव में बच्चे प्रधानमंत्री से रूबरू नहीं हो पा रहे थे। बिजली सप्लाई की सबसे बड़ी दिक्कत थी, इसके लिए बैट्री और यूपीएस खरीदने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए गए हैं। एजुसेट शुरू होने से बच्चे न केवल प्रधानमंत्री का संदेश सुन सकेंगे बल्कि चंडीगढ़ से प्रसारित होने वाले शिक्षा से जुड़े तमाम जानकारियां हासिल कर सकेंगे। राज्य में शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2007 में ही सरकारी स्कूलों में एजुसेट सिस्टम लगवा दिए थे। इसका मकसद बच्चों को शिक्षा से जुड़ी नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करना था। सेटेलाइट के जरिये पंचकूला स्थित केंद्रीय स्टूडियो से विशेषज्ञ लेक्चर देते थे और स्कूलों में इसका सीधा प्रसारण होता था। पर साल दो साल बाद ही सिस्टम ठप पड़ गए। फरीदाबाद के 131 स्कूलों में एजुसेट सिस्टम की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन 70 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में उपकरण खराब पड़े धूल फांक रहे हैं। हालांकि, अब प्रधानमंत्री मोदी सीधे बच्चों से रूबरू होना चाहते हैं तो संसाधनों की कमी बीच में दीवार बन जाती है। अब मन की बात के बहाने ही सही स्कूलों की दशा सुधरने की आस जग गई है। जिला शिक्षा अधिकारी रामकुमार फलसवाल का कहना है कि सभी स्कूलों में एजुसेट सिस्टम जल्द से जल्द बहाल कर दिए जाएंगे।
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साभारअमर उजाला समाचार 

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