Wednesday, September 30, 2015

स्कूल बस का कंडक्टर करता था छेड़छाड़: दसवीं की छात्रा ने इसलिए की ख़ुदकुशी

घर में फंदा लगाकर जाने देने वाली छात्रा स्कूल बस परिचालक की छेड़छाड़ से परेशान थी। छात्रा दसवीं कक्षा में पढ़ती थी और मायापुरी कॉलोनी की रहने वाली थी। छात्रा ने सोमवार देर शाम घर में आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने आरोप लगाया है कि परिचालक छात्रा को स्कूल आते और जाते समय परेशान करता था। पुलिस ने मृतका के पिता की शिकायत पर आरोपी स्कूल बस परिचालक के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार सुबह शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं स्कूल संचालक ने आरोपी बस परिचालक को पहले ही स्कूल से निकाल दिया है।
न्यू मायापुरी कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने फर्कपुर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी (15) वर्षीय बेटी आईटीआई के नजदीक स्थित निजी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। वह स्कूल बस से स्कूल आती-जाती थी। आरोप है कि स्कूल बस का परिचालक गुरुद्वारा वाली गली निवासी युवक उसके साथ छेड़छाड़ करता था।
कुछ दिन पहले उनकी बेटी ने इसकी सूचना उन्हें दी थी। उन्होंने इसकी शिकायत स्कूल संचालकों से की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए स्कूल संचालक ने आरोपी बस परिचालक को स्कूल से निकाल दिया था। जिससे गुस्से में आकर आरोपी युवक उनके घर पर पहुंच गया और उसकी बेटी को भला बुरा बोलने लगा। इसके बाद आरोपी उनके घर से चला गया। सोमवार को जब बेटी स्कूल में गई तो आरोपी ने उसका रास्ता रोककर उसके साथ छेड़छाड़ की, विरोध करने पर उससे अपशब्द कहे। इससे तंग आकर बेटी ने स्कूल से आने के बाद अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
रोशनदान से लटका मिला था शव: सोमवार देर शाम जब छात्रा के परिजन घर पहुंचे तो उन्होंने लड़की को आवाज लगाई। मगर अंदर से कोई आवाज नहीं आई। जब उन्होंने बेटी के कमरे में जाकर देखा तो उसका शव कमरे में रोशनदान पर बने फंदे पर लटका हुआ था। पुलिस ने शव की तलाशी ली, लेकिन उसके आसपास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ।
पहले कार्रवाई हो जाती तो शायद बच जाती छात्रा: मामले में जहां परिजनों ने ढील बरती, वहीं स्कूल प्रशासन ने भी लापरवाही बरती। छेड़छाड़ के बाद भी स्कूल प्रशासन ने केवल आरोपी युवक को स्कूल से बाहर निकाला। जबकि आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत देकर उस पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यदि स्कूल प्रशासन या परिजन पुलिस में आरोपी के खिलाफ शिकायत देते तो आरोपी पुलिस गिरफ्त में होता और छात्रा के साथ दोबारा छेड़छाड़ करने की हरकत तक न करता और छात्रा तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम न उठाती। 
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साभारअमर उजाला समाचार 

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