Saturday, August 1, 2015

HBSE: री-इवैल्यूएशन में 88 प्रतिशत विद्यार्थियों के अंक बदले, 40 अध्यापकों पर होगी कार्रवाई

प्रदेशभर के विद्यार्थियों की ओर से कराए गए रि-वैल्यूएशन (पुनर्मूल्याकंन) के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रि-वैल्यूएशन के लिए आवेदन करने वालों में से लगभग 88 प्रतिशत परीक्षार्थियों के अंक बदल गए। या तो अंक बढ़ गए या फिर घट गए। इन आंकड़ों ने आंसरशीट जांचने के तरीके पर बड़ा सवालिया निशान लगा
दिया है। आंकड़ों को देखकर शिक्षा बोर्ड भी प्रशासन भी चकरा गया। फिलहाल उन शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को लिखा है, जिनके आंसरशीट जांच के बाद आश्चर्यजनक रूप से अंक घटे-बढ़े हैं। यह भी सही है कि रि-वैल्यूएशन में अंकों के घट-बढ़ के पीछे ‘क्लेरिक्ल मिस्टेक’ भी एक बड़ी वजह है। ऐसे केस हजारों की संख्या में हैं। सैंकड़ों की तादाद में ऐसे भी मामले हैं, जिनमें आंसरशीट दोबारा जांच में अंक घटे और बढ़े। स्पष्ट है कि पहली बार आंसरशीट की जांच ठीक से नहीं हुई। मामला कितना गंभीर है, यह रि-वैल्यूएशन के आंकड़ों से समझा जा सकता है। इस साल दसवीं के 5438 परीक्षार्थियों ने रि-वैल्यूएशन के लिए आवेदन किया। इनमेें से करीब 41 फीसदी के अंक बढ़े और 46 प्रतिशत के अंक घट गए। केवल 13 प्रतिशत परीक्षार्थियों के अंक में कोई फर्क आया। 

यूं समझें 
  • 19695 दसवीं व बारहवीं के परीक्षार्थियों ने रि-वैल्यूएशन का ऑप्शन आजमाया
  • 12583 परीक्षार्थी 12 वीं के जिनके अंक बदले
  • 4783 परीक्षार्थी 10 वीं के जिनके अंकों में हुआ बदलाव
बारहवीं कक्षा में रि-वैल्यूएशन के लिए आवेदन करने वाले 50 प्रतिशत परीक्षार्थियों के अंकों में वृद्धि हुई। कुल 14 हजार 257 ने रि-वैल्यूएशन के लिए आवेदन किया था, इनमें से 7131 के अंक बढ़े और 5452 के अंक घटे और महज 1674 की आंसरशीट में अंकों की कोई तब्दीली नहीं हुई। आंसरशीट की दोबारा जांच के दौरान अंकों में बड़ा फर्क सामने आने के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ′एक्शन मोड में है। रि-वैल्यूएशन के आंकड़ों पर मंथन के बाद बोर्ड प्रशासन ने ऐसे लगभग 40 अध्यापकों को चिन्हित किया है, जिन्होंने आंसरशीट के अंकन में लापरवाही बरती। शिक्षा बोर्ड ने इन अध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को लिखा है। रि-वैल्यूएशन में घटे हुए अंक की मान्य होंगे, शिक्षा बोर्ड का यह नया नियम करीब आठ हजार परीक्षार्थियों के लिए घाटे का फैसला साबित हुआ। दसवीं और बारहवीं कक्षा के इन परीक्षार्थियों को रि-वैल्यूएशन कराना महंगा पड़ा। इन परीक्षार्थियों की मार्कशीट में अब घटे हुए अंक दर्ज होंगे।
रि-वैल्यूएशन के दौरान यह बात सामने आई है कि कई शिक्षकों ने गैर जिम्मेदारी पूर्वक आंसरशीट की जांच की है। ऐसे 40-42 अध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को अनुशंसा भेजी गई है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने केवल दो महीने के रिकॉर्ड समरय में रि-वैल्यूएशन के केसों का निपटारा किया। यह पहला मौका है कि जुलाई माह में बोर्ड सभी आवेदक परीक्षार्थियों की दोबारा कॉपी जांचने का काम पूरा किया। रि-वैल्यूएशन के सभी रिजल्ट वेबसाइट पर भी डाले गए हैं। 

साभार: अमर उजाला समाचार 

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