Thursday, August 27, 2015

सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल बढ़ा: 31 दिसंबर को सौंपी जायेगी अब रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतनमान की समीक्षा के लिए गठित सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल चार महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब इस आयोग को करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 55 लाख पेंशनधारकों के वेतनमान पर अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर तक सरकार को सौंपनी होगी। वेतन आयोग की सिफारिशों को अपने हिसाब से संशोधित कर राज्य सरकारें भी लागू करती हैं। वेतन आयोग का 18 माह का
कार्यकाल 27 अगस्त को खत्म हो रहा था। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू होनी थी। केंद्र सरकार हर 10 साल पर अपने कर्मचारियों के वेतनमान की समीक्षा करती है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग के कार्यकाल को 4 महीने बढ़ाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। कार्य की अधिकता और स्टेकहोल्डरों से व्यापक चर्चा को देखते हुए आयोग ने सरकार से कार्यकाल को 4 महीने बढ़ाने का अनुरोध किया था। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006, पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 1996 और चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 1986 को लागू की गई थीं।
साभार: अमर उजाला समाचार 
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