Monday, August 31, 2015

1986 से पहले की दो वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री अब मान्य

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने दो साल में ग्रेजुशन करने वाले छात्रों को राहत दी है। 1986 से पहले ग्रेजुएट की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को अब ब्रिज कोर्स नहीं करना पड़ेगा। वह बिना किसी एडशिनल कोर्स के सीधे मास्टर डिग्री के लिए पढ़ाई कर सकते हैं। दरअसल, 1986 से पहले ग्रेजुएट कोर्स दो वर्ष के होते थे। बीए, बीकॉम और बीएससी की डिग्री लेने के लिए विद्यार्थियों को दो वर्ष ही पढ़ना होता था। इसके बाद इन नियमों में
बदलाव कर ग्रेजुएट की डिग्री को तीन साल का कर दिया गया। ऐसे में 1986 से पहले ग्रेजुएट करने वाले विद्यार्थियों के सामने भारी परेशानियां आ रही थी। अगले कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उन्हें एक साल का एडशिनल कोर्स करना पड़ता था, जिसे ब्रिज कोर्स कहा जाता था, लेकिन अब यूजीसी ने ब्रिज कोर्स की बाध्यता को खत्म करने के आदेश जारी कर दिए। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि दो वर्ष की डिग्री को भी वर्तमान की डिग्री के बराबर ही माना जाए और विद्यार्थियों को बिना किसी ब्रिज कोर्स के ही अगले कोर्स में एडमिशन दे सकते हैं।

साभार: अमर उजाला समाचार 

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