Wednesday, July 29, 2015

कंप्यूटर शिक्षकों पर दसवीं बार लाठीचार्ज

पंचकूला में प्रदर्शन कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों पर मंगलवार को एक बार फिर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार जैसे ही शिक्षक धरनास्थल से सड़क पर निकले तो शिक्षा सदन के गेट पर पुलिस से उनकी भिड़ंत हो गई। काफी देर झड़प और तनातनी के बाद शिक्षक शिक्षा सदन से आगे निकल गए। उसके बाद शिक्षकों ने सेक्टर-2 में उत्कर्ष सोसाइटी तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में उनको रोकने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग किया गया। उनके ऊपर जबरदस्त लाठीचार्ज हुआ। इन कंप्यूटर टीचर्स पर रुक-रुक कर करीब एक घंटे तक वाटर कैनन का प्रयोग किया गया। इसके कारण 20 शिक्षक घायल हो गए।
10 बार लाठीचार्ज, 4 की हालत गंभीर: कंप्यूटर शिक्षकों पर पहले भी दस बार लाठीचार्ज हो चुका है। मंगलवार को पुलिस ने किसी के हाथ पर लाठी मारी तो किसी के पैर पर। पुलिस ने घसीट-घसीटकर शिक्षकों को पीटा। एक के बाद एक घायलों को लगातार पंचकूला सेक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल पहुंचाया गया। चार शिक्षकों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से जींद से अमित, यमुनानगर से राजीव, अंबाला से दिवाकर और शालू शामिल हैं।
दोबारा किया वाटर कैनन का प्रयोग: लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शन कर रहे शिक्षक भड़क गए। अनशन पर बैठे 11 कंप्यूटर शिक्षक जिनका इलाज काफी समय से अस्पताल में चल रहा था उनको वापस लाने के लिए अस्पताल की तरफ निकल पड़े। जब शिक्षक बेला विस्टा चौक पर पहुंचे प्रशासन ने दोबारा फिर रोककर वाटर कैनन का प्रयोग शुरू कर दिया। इसमें 10 और शिक्षक घायल हो गए। इनको फिर सामान्य अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में अध्यापकों ने इलाज करवाने से मना कर दिया: जैसे ही लाठीचार्ज में घायल एक के बाद एक 30 शिक्षक पहुंचे तो वहां पहले से ही इलाज करवा रहे 11 अनशनकारी शिक्षक भड़क गए। साथियों को घायल अवस्था में देखकर टीचर्स ने अस्पताल का बहिष्कार कर दिया। हंगामा बढ़ता देखकर प्रशासन ने भारी पुलिस बल मौके पर बुला लिया। इधर से सैकड़ों शिक्षक अस्पताल पहुंच गए। शुरू में पुलिस द्वारा अनशनकारियों को हस्पताल से बाहर जाने से रोकने की कोशिश की लेकिन अस्पताल के बाहर अन्य शिक्षकों को देख हालात बिगड़ गए। बाद में प्रशासन ने पीछे हटते हुए शिक्षकों को जाने दिया। अस्पताल से निकलकर अनशनकारी शिक्षकों के साथ अन्य सभी शिक्षक नारेबाजी करते हुए बेला विस्टा चौक पर पहुंच गए। अनशन पर बैठे सभी शिक्षकों ने इलाज करवाने से साफ़ मना कर दिया। 
अब नहीं टूटेगा अनशन: तीस दिन के रोजे के बाद 13 दिन से आमरण अनशन पर बैठी रजिया सुलतान की सेहत लगातार खराब होती जा रही है। तीन दिन ऑक्सीजन पर रहने के बाद भी रजिया ने इलाज से मना कर दिया। रजिया का कहना है वह अपनी आखिरी सांस तक अनशन नहीं तोड़ेगी। 
और उग्र होगा आंदोलन: शिक्षक संघ के प्रधान बलराम धीमान ने कहा कि वह किसी कीमत पर अपनी मांग से पीछे नहीं हटने वाले, यहां न तो इलाज करवाया जाएगा न ही अनशन तोड़ा जाएगा। आंदोलन और भी उग्र रूप धारण करेगा। 

साभार: अमर उजाला समाचार 

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