हरियाणा बोर्ड के स्कूल को अब दूसरे बोर्ड या सीबीएसई स्कूल से मान्यता लेने के लिए पहले अब बोर्ड से संबद्धता प्रमाण पत्र के रूप में एनओसी लेनी होगी। यह फैसला शुक्रवार को पंचकुला में बोर्ड की बैठक में लिया गया। कुछ स्कूलों के नाम हरियाणा बोर्ड के साथ अन्य बोर्डों में भी चल रहे हैं। इस फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए अब
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने सख्त रवैया अपनाया है। बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि स्कूल को दूसरे स्कूल की संबंधित लेने के लिए अब हरियाणा बोर्ड से भी एनओसी लेनी पड़ेगी। यह एनओसी होगी संबंधित माइग्रेशन प्रमाण पत्र।
यह है मामला: किसी भी स्कूल को स्थाई मान्यता प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग से मान्यता तो बोर्ड से संबद्धता प्रमाण पत्र लेना होता है। प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं के अनेक ऐसे स्कूल हैं जो हरियाणा बोर्ड के साथ-साथ सीबीएसई बोर्ड में भी चल रहे हैं। सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता लेने के लिए स्कूल संस्थान को शिक्षा
विभाग से एनओसी लेनी होती थी। इसका बोर्ड को कोई पता नहीं होता था। संस्थान हरियाणा बोर्ड के साथ सीबीएसई में चलता रहता था। अब बोर्ड से एनओसी लेने पर बोर्ड में सूची अपडेट होती रहेगी कि
कौन कौन से स्कूल हरियाणा बोर्ड में रह गए हैं।
विभाग से एनओसी लेनी होती थी। इसका बोर्ड को कोई पता नहीं होता था। संस्थान हरियाणा बोर्ड के साथ सीबीएसई में चलता रहता था। अब बोर्ड से एनओसी लेने पर बोर्ड में सूची अपडेट होती रहेगी कि
कौन कौन से स्कूल हरियाणा बोर्ड में रह गए हैं।
विभाग से पहले बोर्ड की एनओसी जरूरी: हरियाणा बोर्ड के सचिव पंकज कुमार के अनुसार अब दूसरे बोर्ड में जाने के लिए संस्थान को शिक्षा विभाग से एनओसी लेने से पहले बोर्ड से एनओसी लेनी होगी। बोर्ड से एनओसी लेने के बाद ही शिक्षा विभाग उक्त संस्थान को एनओसी जारी करेगा।
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