कैथल शहर से दस किलोमीटर दूर स्थापित एनआईआईएलएम
(NIILM) यूनिवर्सिटी में संकट गहरा गया है। शुक्रवार को बच्चों ने परीक्षा न होने
पर यूनिवर्सिटी के बाहर नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। करीब
दो घंटे तक हाईवे जाम रखा। एसपी ने स्टूडेंट्स को आश्वासन देकर शांत किया। यूनिवर्सिटी
में अनियमितता पर एसआईटी जांच के बाद से यहां विवाद बढ़ता जा रहा है। वेतन
न मिलने पर पूरा स्टॉफ हड़ताल पर है। शुक्रवार को विभिन्न कोर्सों के
बच्चे परीक्षा के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचे। जहां परीक्षाओं के लिए कोई
व्यवस्था न होने पर भड़क उठे। बच्चों ने प्रदर्शन कर यूनिवर्सिटी के बाहर
जाम लगा दिया। इस दौरान पेड़ काटकर मार्ग के बीच में डाल दिए। सुबह साढ़े
नौ बजे लगा जाम ग्यारह बजे तक जारी रहा।
परीक्षाएं स्थगित, कब होंगी नहीं पता: छात्रों
ने बताया कि वे आज परीक्षा के लिए आए थे। उन्हें यह तो बताया गया था कि
परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं। लेकिन ये कब होंगी, कोई नहीं बता रहा। उनकी
लाखों रुपये की फीस जमा है। परीक्षाएं न होने के कारण उनके कई साल बर्बाद
हो जाएंगे। ऐसे में वे कहां जाएं। विश्वविद्यालय
स्टॉफ का कहना है कि परीक्षा लेने के लिए पैसे नहीं है। विश्वविद्यालय के
मालिक विनय राय सहित फैकल्टी में काफी अहम स्थान रखने वाली कामना खेतरपाल
भी गायब हैं। इसके अलावा अन्य स्टॉफ सदस्य कुछ बताने की स्थिति में नहीं
है। ऐसे में वे करें तो क्या करें। यहां विदेशी बच्चे भी हैं। उन्हें खाने
के लाले पड़ने लगे हैं। कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
बीटेक के लिए दो लाख फीस दी, अब अधर में: छात्रा
खुशबु ने बताया कि उसने बीटेक में दो लाख 5 हजार रुपये देकर दाखिला लिया
था। अब अंतिम वर्ष में हैं। लेकिन अभी ये भी नहीं पता कि डिग्री मान्य है
या नहीं। परीक्षा होगी या नहीं। हिमांशी ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर में अब
परीक्षा की परेशानी आ खड़ी हुई है। पिछले सेमेस्टर का परिणाम नहीं दिया
गया। जाम की सूचना मिलने पर एसपी मौके पर पहुंचे। वे बच्चों के
प्रतिनिधिमंडल को लेकर विश्वविद्यालय के अंदर पहुंचे। जहां उन्होंने स्टॉफ
सदस्यों सहित विदेशी छात्राओं की समस्याएं सुनीं। इसके बाद फोन पर ही
विश्वविद्यालय अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए शनिवार तक विश्वविद्यालय में
पहुंचने के निर्देश दिए तथा कहा कि बच्चों की परीक्षाएं लें तथा स्टॉफ को
वेतन दें।
मैनेजमेंट के दो कर्मी हिरासत में लिए: एसपी
ने बाहर आकर बच्चों को आश्वस्त किया। साथ ही विश्वविद्यालय के प्रबंधन से
राकेश कुमार एवं सहायक परीक्षा नियंत्रक बृजेश कुमार को पूछताछ के लिए
हिरासत में ले लिया। इसके बाद बच्चों ने जाम खोल दिया। तब जाकर राहगीरों ने
राहत की सांस ली। सुबह का समय होने के कारण हिसार एवं चंडीगढ़ आने-जाने
वाले लोगों, विशेष रूप से रोडवेज बसों में सवार लोग घंटो लेट हो गए। कई
बसों को दूसरे रूटों से निकाला गया।
हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में: विश्वविद्यालय
में पिछले सेमेस्टर का परिणाम न मिलने और परीक्षाएं न होने के कारण विदेशी
विद्यार्थियों सहित देश भर के विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटक गई
है। बच्चों ने लाखों रुपये जमा करवाकर यहां दाखिला लिया है। लेकिन अब
परीक्षा न होने के कारण उनके कई साल बर्बाद तो होंगे ही, साथ में लाखों
रुपये भी पानी में चले जाएंगे। बच्चों के इन सवालों के जवाब फिल्हाल किसी
के पास नहीं हैं।
कैथल की एनआईआईएलएम (NIILM) यूनिवर्सिटी में सलोने सपने
लेकर आए विदेशी स्टूडेंट्स को अब अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। यहां
भूटान, बांग्लादेश, अफ्रीका, श्रीलंका, वियतनाम, यूगांडा सहित कई देशों की
छात्राएं तकनीकी कोर्सों में दाखिला लेकर पढ़ने के लिए आई थीं। लेकिन अब
उन्हें विश्वविद्यालय के फर्जी होने की आशंका सताने लगी है। कई छात्राओं का
तो यहां तक आरोप है कि उनकी सरकार ने अच्छे अंक हासिल करने पर छात्रवृत्ति
भी दी है। लेकिन यह विश्वविद्यालय के पास ही बताई जा रही है। इस तरह की
तमाम अनियमितताओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कई सवाल उठ रहे
हैं। फिलहाल इनके किसी को जवाब नहीं मिल पा रहे हैं। शुक्रवार
को विश्वविद्यालय पहुंचे एसपी से समस्या बताते हुए विदेशी छात्राओं ने
बताया कि पिछले एक माह से होस्टल में बिजली सहित पानी की समस्याओं से जूझना
पड़ रहा है। खाना अच्छा नहीं मिल रहा। अब परीक्षाएं भी नहीं हो रही। पिछले
सेमेस्टर का परिणाम नहीं दिया गया। अब परीक्षाएं न होने के कारण
विश्वविद्यालय के फर्जी होने का डर सता रहा है। परीक्षाओं के बाद अपने देश
में जाने के लिए टिकट सहित अन्य व्यवस्थाएं की थीं। लेकिन
अब परीक्षाएं न होने के कारण पूरा सिस्टम गड़बड़ा गया है। कई छात्राओं ने
बताया कि उन्हें 65 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने पर उनके देश की ओर से
छात्रवृत्ति दी गई थी, जो विश्वविद्यालय के पास है। कई विद्यार्थियों की यह
राशि तीन से चार लाख रुपये तक है। स्टॉफ को वेतन न मिलने के कारण पढ़ाई
नहीं हो रही है।
सहमे हैं विदेशी विद्यार्थी: विदेशी
विद्यार्थी इतने सहमे हैं कि वे अपनी परेशानियां तक बताने को तैयार नहीं
हैं। उनका कहना है कि यदि उन्होंने मीडिया से बात की तो उनका भविष्य ओर भी
खराब हो जाएगा। एसपी से विदेशी छात्राओं ने कहा कि उनकी परीक्षा करवाई जाए
और उन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाए। उन्हें यहां से बाहर नहीं जाने दिया
जाता। एक तरह से बंधक बनकर रह गए हैं।
परेशानियां दूर करने की कोशिश: एसपी
कृष्ण मुरारी ने बताया कि यह सही है कि विदेशी विद्यार्थियों को होस्टल
में सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। लेकिन अभी बंधक बनाए जैसी कोई बात नहीं
है। एक छात्रा ने छात्रवृत्ति हड़पने संबंधी बात उठाई है। लेकिन
विश्वविद्यालय की जांच पहले ही एसआईटी द्वारा की जा रही है। हम केवल
व्यवस्था संबंधी परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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