Monday, May 4, 2015

पीएचडी होल्डर्स की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न

हर साल 7,000 से अधिक छात्रों को पीएचडी की उपाधि दिए जाने के बीच मानव संसाधन विकास पर संसद की स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि पीएचडी और दूसरे शोध विद्वानों का मूल्यांकन की पूरी व्यवस्था पर फिर से गौर किया जाए। बीते सप्ताह संसद में पेश संसद की इस स्थायी समिति ने शोध संबंधी फेलोशिप की संख्या
में इजाफा करने और शिक्षण असिस्टेंटशिप के लिए नई योजनाएं शुरू करने का सुझाव दिया है। पीएचडी की गुणवत्ता की ओर ध्यान खींचते हुए समिति ने कहा कि भारत में इसको लेकर पंजीकरण बहुत कम है। समिति ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी आगे भी बनी रहेगी क्योंकि निकट भविष्य में कोई सुधार नजर नहीं आता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिक्षा के पेशे की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। 
साभार: हरिभूमि समाचार
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