Tuesday, May 19, 2015

कोर्ट ने की खिंचाई: क्यों नहीं हटाए फर्जी जेबीटी

हरियाणा में 2010 में हुई जेबीटी भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता टेस्ट (एचटेट) में फर्जी पाए गए 776 परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जब इन शिक्षकों के खिलाफ एचटेट में फर्जीवाड़े की रिपोर्ट आ चुकी है तो कार्रवाई करनी चाहिए थी। जस्टिस अमित रावल ने अगली सुनवाई पर 25 मई को रिपोर्ट तलब की है। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com पिछली सुनवाई पर सरकार ने बेंच को अवगत कराया था कि एफएसएल रिपोर्ट में
सामने आया कि 776 हस्ताक्षरों और अंगूठों केनिशान के मिलान नहीं हो सके थे। इस पर उन्हें बर्खास्त करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था, लेकिन इनमें से कुछेक ने एक अन्य बेंच के पास नोटिस को चुनौती दी थी और बेंच ने बर्खास्तगी पर स्टे लगा दिया था। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि भले ही स्टे मिली हो, लेकिन फर्जी उम्मीदवारों के खिलाफ सरकार अपनी कार्रवाई जारी रखे। सोमवार को सरकार ने फिर से कहा कि स्टे के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी, लेकिन हाईकोर्ट की फटकार लगने पर अब सरकार ने कहा है कि वह स्टे के खिलाफ अपील करने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार को आदेश जारी कर फर्जी उम्मीदवारों को बर्खास्त करने को कहा गया था और इसके लिए इन उम्मीदवारों को पहले नोटिस देने का निर्देश दिया गया था। डायरेक्टर एलिमेंटरी एजुकेशन ने हाईकोर्ट को बताया था कि प्रमुख सचिव से कार्रवाई की अनुमति मांगी गई थी। पूछा था कि फर्जी पाए गए 776 उम्मीदवारों को सीधे बर्खास्त किया जाए या एफआईआर भी साथ में ही की जाए। जो 216 फर्जी उम्मीदवारों ने जेबीटी की नौकरी छोड़ गए, उनके खिलाफ कैसी कार्रवाई की जाए और तीन अनुपस्थित उम्मीदवारों पर कार्रवाई कैसे की जाए। हाईकोर्ट को बताया था कि प्रमुख सचिव से प्राप्त हुए पत्र में कहा गया है कि 776 को 15 दिन के भीतर नोटिस दिया जाए कि उनके खिलाफ अंगूठों के मिलान की आई रिपोर्ट पर उनका क्या कहना है और अगले 15 दिनों में कार्रवाई की जाए। 

साभार: अमर उजाला समाचार
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