Thursday, May 7, 2015

बीएड और एमएड में दो वर्ष का सिलेबस और फिर पांच माह की इंटर्नशिप अनिवार्य होगी

गुणवत्ता के लिए एनसीटीई ने इस सत्र से बीएड और एमएड के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। बीएड और एमएड की डिग्री लेने के लिए दो वर्ष का सिलेबस लागू करने के बाद अब 5 माह की इंटर्नशिप जरूरी कर दी गई है। नए सिलेबस के आधार पर एमडीयू ने सभी संबद्ध कॉलेजों को 31 अक्टूबर तक तैयारी करने के निर्देश जारी किए हैं। बीएड और एमएड में जुलाई से 2015-16 सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे पहले
एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने बीएड और एमएड के सिलेबस में बदलाव किया है। अभी तक दोनों डिग्री एक साल की होती थी और 45 दिन की इंटर्नशिप। लेकिन इस सत्र से दो वर्ष पढ़ाई के बाद यह डिग्री मिलेगी। दो साल के सेमेस्टर में 19 माह पढ़ाई और 5 माह की इंटर्नशिप जरूरी होगी। इंटर्नशिप में स्कूल में जाकर रूटीन में होने वाली गतिविधियों को परखना होगा। दफ्तर के कार्य से लेकर पढ़ाई का प्रशिक्षण भी लेना होगा। काउंसिल का मानना है कि पांच माह की इंटर्नशिप से टीचिंग स्किल में सुधार होगा। इससे न केवल शिक्षा प्रणाली सुधरेगी, बल्कि बीएड और एमएड की महत्ता का भी ज्ञान होगा। एनसीटीई की तरफ से अभी तक 100 स्टूडेंट की एक यूनिट होती थी। ज्यादातर कॉलेजों को एक यूनिट दी जाती थी, लेकिन यदि वहां की व्यवस्था अच्छी है तो दो यूनिट भी दे दी जाती थी। इस सत्र से एनसीटीई ने यूनिट में भी स्टूडेंट की संख्या कम की है। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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