Friday, May 1, 2015

फंडिंग की सही जानकारी नहीं दी तो रुक जाएगी ग्रांट

एडमिशन से लेकर फंडिंग की जानकारी में यूजीसी को गुमराह करने वाली यूनिवर्सिटी की अब खैर नहीं है। ऐसी यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने फर्निसिंग ऑफ इंफोर्मेशन एंड यूनिवर्सिटी रेग्युलेशन 2015 लागू किया है। नियम के तहत पूरी जानकारी नहीं देने या फिर लेटलतीफी करने वाली
यूनिवर्सिटी की ग्रांट तक भी रोकी जा सकती है। अक्सर देखने में आता है कि यूजीसी की ओर से मांगी गई अलग-अलग तरह की जानकारियों में या तो यूनिवर्सिटी पूरे आंकड़े मुहैया नहीं कराती या लेटलतीफी करती हैं। विवि प्रबंधन मानता है कि फंड की पूरी जानकारी देने पर यूजीसी की ओर से मिलने वाला फंड कम कर दिया जाएगा। ऐसी यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसने के लिए अब यूजीसी ने पूरी तैयारी कर ली है। यूजीसी की तरफ से फर्निसिंग ऑफ इंफार्मेशन एंड यूनिवर्सिटी रेग्युलेशन 2015 लागू किया गया है। इस नियम के अंतर्गत यदि कोई भी यूनिवर्सिटी ऐसा करती है तो यूजीसी के पास उसकी ग्रांट रोकने का सीधा अधिकार होगा।
यूनिवर्सिटी की ग्रेडिंग भी हो सकती है कम: इस नियम के तहत यदि नैक टीम के निरीक्षण के समय या फिर कोई अन्य तरीके से यूजीसी को यूनिवर्सिटी की असली आंकड़ों का पता चला तो यूनिवर्सिटी की ग्रेडिंग भी कम हो सकती है। इसके लिए सभी यूनिवर्सिटी जानकारी भी दे दी गई है। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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