Sunday, May 10, 2015

स्कूलों की होगी गूगल मैपिंग

परीक्षा केंद्रों की अलॉटमेंट में गड़बड़झाला नहीं चलेगा। विद्यालय शिक्षा बोर्ड अब प्रदेश के हर सरकारी और प्राइवेट स्कूल की ‘गूगल मैपिंग’ करेगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन के वक्त सभी स्कूलों को अपनी जीपीएस लोकेशन दर्शानी होगी। शिक्षा बोर्ड जीपीएस लोकेशन के आधार पर ही परीक्षा केंद्रों की अलाटमेंट करेगा। इसके साथ ही परीक्षा केंद्र अलॉटमेंट के मैन्यूअली सिस्टम की विदाई हो जाएगी। यह व्यवस्था नए शैक्षणिक सत्र से
शुरू हो जाएगी। मई के अंतिम सप्ताह में आरंभ हो रही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान राज्य के सभी स्कूलों को अपनी जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लोकेशन दर्शानी होगी। इस काम में जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। अक्षांश-देशांतर की लोकेशन के आधार पर ही स्कूलों को परीक्षा केंद्र अलॉट होने हैं। यदि लोकेशन में चूक हुई तो परीक्षा केंद्र दूर-दराज क्षेत्रों में अलॉट हो सकता है। बोर्ड सूत्र बताते हैं कि परीक्षा केंद्रों की अलॉटमेंट जीपीएस सिस्टम के तहत पूरी तरह कंप्यूटराइज होगी। यानी, किसी भी परीक्षा केंद्र का चयन मैन्यूअल नहीं होगा। कंप्यूटर जीपीएस सिस्टम की लोकेशन के आधार पर परीक्षा केंद्रों को फाइनल करेगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद परीक्षा केंद्रों की अलॉटमेंट में चलने वाली सिफारिश व धांधली की गुंजाइश न के बराबर होगी। परीक्षा शुरू होने से काफी पहले परीक्षा केंद्रों की लोकेशन के आधार पर लिस्ट बोर्ड की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी। बोर्ड सचिव पंकज ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के वक्त सभी स्कूलों को जीपीएस लोकेशन अनिवार्य कर दी गई है। 

ऐसे दर्शानी होगी लोकेशन: दसवीं और बाहरवीं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के वक्त स्कूल विद्यार्थियों का डाटा, स्टाफ स्टेटमेंट, फीस वगैरह का उल्लेख तो करते रहे हैं। इस बार जीपीएस कॉलम में सात डिजिट में अपने स्कूल की जीपीएस लोकेशन दर्शानी होगी। इसका ध्यान रखें कि यह सात डिजिट दशमलव के बाद भरनी होंगी। इसके बाद यदि किसी स्कूल को कुछ संशोधन कराना है तो आवेदन भी ऑनलाइन देना होगा।
साभार: अमर उजाला समाचार
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