Thursday, May 14, 2015

अब नौंवीं-ग्यारहवीं कक्षा नहीं रहेगी "घर की क्लास": शिक्षा बोर्ड की रहेगी अहम भूमिका

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अपने पुराने पैटर्न पर लौट रहा है। वह इस सत्र में नौवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा खुद लेगा। स्कूलों में प्रश्नपत्र पत्र बोर्ड से आएगा। चुनिंदा उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन भी बोर्ड करेगा। यानी इस बार छात्रों को पास करने के लिए खूब पढ़ना होगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 10वीं और 12वीं के खराब रिजल्ट को देखते हुए शिक्षा निदेशालय और बोर्ड दोनों गंभीर है। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com इसे देखते हुए बोर्ड ने यह नया फैसला किया है। अभी तक नौवीं और 11वीं कक्षा के
छात्रों की परीक्षा स्कूल लेते रहे हैं। स्कूल के शिक्षक ही प्रश्नपत्र बनाते थे और परीक्षा की कॉपी जांचते थे। 10वीं और 12वीं के रिजल्ट के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आखिर नौवीं और 11वीं कक्षा मेें 100 फीसदी रिजल्ट है तो 10वीं और 12वीं कक्षा में यह 40 फीसदी से भी कम कैसे हो गया। बोर्ड का मानना है कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्न पत्र बनाने में शिक्षक ढील देते हैं और कॉपी जांचने में भी खूब अंक बांटते हैं। इस पर लगाम लगाते हुए बोर्ड ने सत्र 2015-16 के दूसरे सेमेस्टर से खुद ही प्रश्नपत्र भेजने का निर्णय लिया है। हालांकि परीक्षा पर निगरानी स्कूल प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी। बोर्ड की ओर से निरीक्षक नियुक्त किए जाएंगे। स्कूलों के शिक्षकों द्वारा कॉपी जांचने के बाद बोर्ड हर जिले से एक हजार छात्रों की कॉपियां रैंडम तरीके से मुख्यालय मंगवाकर उनका मूल्यांकन करवाएगा। अगर किसी शिक्षक पर गलत तरीके से अंक देने का मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। रिजल्ट सुधारने के लिए बोर्ड ने थोड़े बदलाव किए हैं। बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में 9वीं और 11वीं कक्षा के दूसरे सेमेस्टर का प्रश्न पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है।
साभार: अमर उजाला समाचार
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