Saturday, May 9, 2015

एडिड स्कूलों में नहीं होगी नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती

सूबे के तमाम सरकारी एडेड स्कूलों में अब नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती नहीं की जाएगी। प्रदेश सरकार ने ये फैसला लिया है। इसके चलते अब सरकारी एडेड स्कूलों में रिक्त पड़े नॉन टीचिंग स्टाफ के अधिकृत पद खाली ही रहेंगे। एडेड स्कूलों का मैनेजमेंट अपने स्तर पर चाहे तो इन पदों पद आउटसोर्सिंग से कर्मचारी रख सकता है।
मगर उनके वेतन में सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। मैनेजमेंट को ही नान टीचिंग स्टाफ का खर्च उठाना होगा। हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। 

एडेड स्कूलों से भेजी जा रही थी डिमांड: सूबे के 206 स्कूलों में एक हजार के करीब नॉन टीचिंग स्टाफ के स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। ये पद अरसे से खाली हैं। भविष्य में भी लगातार इस पद का स्टाफ रिटायर होता जाएगा। इसलिए विभिन्न स्कूलों का मैनेजमेंट इन स्वीकृत पदों पर नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्तियों के लिए हरियाणा शिक्षा विभाग को मांग पत्र भेज रहा है। सूबे के एडेड स्कूलों द्वारा रिक्त स्वीकृत पदों पर मांगे जा रहे नान टीचिंग स्टाफ के चलते ही हरियाणा सरकार ने अब ये फैसला ले लिया है कि भविष्य में एडेड स्कूलों के इन स्वीकृत पदों पर नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती पूरी तरह से बंद कर दी जाए।
स्कूलों का कामकाज होगा प्रभावित: एक स्कूल को चलाने में टीचिंग स्टाफ के साथ ही नान टीचिंग स्टाफ की अहम भूमिका होती है। सेवादार से लेकर क्लर्क तक विभिन्न पदों पर नॉन टीचिंग स्टाफ के ही होते हैं। अभी तक सरकारी एडेड स्कूलों में सरकार ने ही इन पदों को स्वीकृत किया हुआ था। उन पर कर्मचारी भी नियुक्त किए हुए थे। इन कर्मचारी की वेतन का 75 फीसद सरकार देती थी और 25 फीसद संबंधित एडेड स्कूल का मैनेजमेंट देता था। अब सरकार ने भविष्य में नॉन टीचिंग स्टाफ के स्वीकृत पदों पर नियुक्तियों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसके चलते स्कूलों में कामकाज बहुत ज्यादा प्रभावित होता और सरकारी अनुदान से चल रहे स्कूलों के मैनेजमेंट पर भी आर्थिक भार बढ़ेगा। निसंदेह ये भार कहीं न कहीं फीस के रूप में छात्रों पर ही पड़ेगा। जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर कादियान के अनुसार सरकार और आला अफसरों के निर्देश के मुताबिक ही काम किया जाएगा।
इसलिए लेना पड़ा फैसला: विभागीय सूत्रों की माने, तो सरकार ने ये फैसला कई पहलुओं को देखते हुए लिया है। सरकार के पास शिकायतें पहुंच रही हैं कि सूबे के अधिकतर एडेड स्कूलों का मैनेजमेंट अपने स्वीकृत टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को पूरा वेतन नहीं दे रहा है। इस वजह से स्टाफ बहुत तंग है। मैनेजमेंट स्टाफ को वेतन का केवल 75 फीसद (जो सरकार देती है।) ही दे रहा है। मैनेजमेंट शेयर 25 फीसद वेतन से स्टाफ को महरूम रखा जा रहा है। इस वजह से स्वीकृत स्टाफ परेशान है। इसको देखते हुए सरकार ने फिलहाल नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्तियां बंद की हैं।
रमेश बंसल, प्रवक्ता, हेड एसोसिएशन एडेड स्कूल के अनुसार सरकार का ये फैसला कर्मचारी हित में नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह सरकारी एडेड स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को पूरी तरह अपने अधीनस्थ ले। इसके लिए प्रोसेस भी चला हुआ है। सरकार स्वीकृत पदों पर नियुक्तियां बंद करने की बजाय, स्टाफ को टेकओवर करने का जल्द फैसला ले।
ये हैं निर्देश: सूबे के तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए निर्देशों में लिखा है कि हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है कि सरकारी एडेड स्कूलों में अब भविष्य में नॉन टीचिंग स्टाफ के रिक्त पड़े स्वीकृत पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस बारे में अपने-अपने इलाकों के एडेड स्कूलों के प्राचार्यों को इस बारे में सूचना दे दें। साथ ही इस बारे में अब हरियाणा शिक्षा विभाग से भी कोई पत्राचार न करें। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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