सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से लिए जा रहे गैर
शैक्षणिक कार्यों को लेकर शुरू हुए विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों
को बीएलओ ड्यूटी से कार्यमुक्त कर दिया है। अब शिक्षकों से केवल स्थानीय
निकाय, विधानसभा मंडल एवं संसदीय चुनाव के दौरान मतगणना हेतु प्रशिक्षण व
चुनाव सामान एकत्रित को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार का चुनावी कार्य नहीं
लिया जाएगा। फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
यज्ञदत वर्मा ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को बुधवार को निर्देश जारी करते
हुए कहा है कि हरियाणा प्रदेश में अब राइट टू फ्री कंपलसरी एजूकेशन एक्ट
पूर्ण रूप से लागू किया जा चुका है। इस अधिनियम की धारा 24 व
27 के
प्रावधान में निर्मित अब स्पष्ट किया जा चुका है कि शिक्षकों को अन्य
कार्यों में संलग्न न किया जाए। अधिनियम में यह स्पष्ट रूप से निर्धारित कर
दिया गया है कि एक शैक्षणिक कार्य में 200 दिन प्राइमरी व 220 दिन ऊपर की
कक्षाओं को पढ़ाना जरूरी है। जिसको लेकर निर्णय लिया गया है कि आरटीई को
सुचारु रूप से चलाने के लिए शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त कर दिया
जाए। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन सचिव दवेन्द्र दहिया ने कहा कि
बीएलओ ड्यूटी को लेकर संघ शुरू से ही खिलाफ था और इसको लेकर उन्होंने
सरकार के आगे मांग भी रखी। अब विभाग ने निर्देश जारी कर शिक्षकों को बीएलओ
ड्यूटी से कार्यमुक्त कर दिया। अध्यापक अब निश्चिंत होकर विद्यार्थियों को
पढ़ा सकेंगे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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