Wednesday, May 27, 2015

AIPMT पेपर लीक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए दिया और समय

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) परीक्षा में हुई अनियमितता की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस को उन लोगों का पता लगाने को कहा है जिन्हें इस परीक्षा में हुई अनियमितता से फायदा पहुंचा है। परीक्षा को फिलहाल रद करने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि लाभार्थी लोगों की पहचान न होने की स्थिति में वह इसे रद करने की भी सोच सकती है। न्यायमूर्ति एके
सिकरी और न्यायमूर्ति यूयू ललित की अवकाशकालीन पीठ ने हरियाणा पुलिस को तीन जून को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने से परेशानी हो सकती है। हालांकि साथ में पीठ ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण में जिन लोगों को फायदा पहुंचा है, अगर उनकी पहचान नहीं हुई तो परीक्षा निरस्त करने के बारे में सोचा जा सकता है। पीठ ने कहा कि अगर हम फिर से परीक्षा कराने का निर्देश देते हैं तो रिजल्ट और दाखिला प्रक्रिया में देरी होगी। इससे और समस्या बढ़ेगी, जिसके चलते भारी अव्यवस्था हो सकती है। अगर संदिग्ध लोगों या जिन छात्रों को परीक्षा में हुई अनियमितता से फायदा पहुंचा है, उनका पता नहीं चला तो हम कुछ सोच सकते हैं। वहीं कुछ छात्रों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जयंत भूषण ने कहा कि परीक्षा को रद कर दिया जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि पहले पुलिस को जांच पूरी करने दीजिए। वहीं हरियाणा पुलिस ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण में 72 मोबाइल फोन का इस्तेमाल हुआ। ये नंबर फर्जी पहचान पत्र के जरिए लिए गए थे। इन मोबाइल नंबरों से देश के विभिन्न हिस्सों में 358 कॉल्स किए गए थे। वॉट्स एप और ब्लूटूथ के जरिए छात्रों को प्रश्नों के उत्तर मुहैया कराए गए। इसके लिए छात्रों से पैसे लिए गए। हरियाणा पुलिस ने पीठ को बताया कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड रूप सिंह डांगी है, जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने यह भी बताया कि झारखंड पुलिस ने इस संबंध में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि डीजीपी दूसरे राज्यों से लगातार संपर्क में हैं। वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने पीठ को बताया कि जांच में सहयोग करने के लिए 26 छात्रों को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने परीक्षा को रद्द न करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया है। मालूम हो कि एआईपीएमटी परीक्षा में 123 सवालों के उत्तर मोबाइल के जरिए छात्रों तक पहुंचाए गए। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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