Wednesday, May 13, 2015

अतिथियों ने दी धर्मांतरण की धमकी, सरकार का कहना कि 15 दिन हैं, सकारात्मक करने का प्रयास

करनाल में पांच दिन से महापड़ाव डाले प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने अब धर्मांतरण की चेतावनी दी है। अतिथि अध्यापकों ने चेताया है कि अगर उनकी नौकरी गई तो वे धर्म परिवर्तन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। उन्हें जहां मान-सम्मान व भर पेट रोटी मिलेगी, उसी धर्म को स्वीकार कर लेंगे। महापड़ाव का सरकार पर कोई
असर न होते देख अतिथि अध्यापक संघ ने संतों में भी पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है। इसके पीछे तर्क है कि सरकार किसी की बात मान सकती है तो वो साधु और संत हैं।Post published at www.nareshjangra.blogspot.com उधर धर्मांतरण की जानकारी मिलने पर मंगलवार को हिंदू महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवा ठाकुर और स्वामी युगल किशोर भी धरनास्थल पर पहुंचे। अतिथि अध्यापक संघ महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष पुष्पा ने चेताया कि अगर उनकी नौकरी छीनी गई तो वे धर्मांतरण करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उधर, इसकी भनक लगने पर हिंदू महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवा सिंह ठाकुर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल पर पहुंच गई। ठाकुर ने मंच से सरकार पर हमला बोला और अतिथि अध्यापकों से अपील की कि वे धर्मांतरण न करें और न ही इसके बारे में सोचें, क्योंकि हम जो जन्म से हैं, वही रहना चाहिए। ठाकुर ने महासभा की तरफ से संघ को अपना समर्थन देते हुए आंदोलन में साथ देने का वादा किया। ठाकुर ने कहा कि हम घर वापसी की बात कह रहे हैं और समाज के प्रबुद्ध लोग अध्यापक मजबूरीवश धर्म परिवर्तन की बात कह रहे हैं, यह न सरकार के लिए ठीक है और न ही इस देश के लिए। स्वामी युगल किशोर भी धरनास्थल पर पहुंचे और अध्यापकों को समर्थन देते हुए सरकार से भी अपील की कि उनकी नौकरी बचाई जाए।  हरियाणा सरकार के हलफनामे के बाद हाईकोर्ट की ओर से 4073 गेस्ट टीचर्स को दो हफ्ते में हटाने के आदेश के बाद सभी गेस्ट टीचरों में हड़कंप है। पांच दिनों से सीएम के विधानसभा क्षेत्र करनाल में डेरा जमाकर प्रदर्शन कर रहे गेस्ट टीचर अब प्रदेश सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। उधर, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी गेस्ट टीचरों को हौसला रखने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि उनका रोजगार बचाने का प्रयास किया जाएगा। ‘अमर उजाला’ से बातचीत में सीएम ने कहा कि अभी हाईकोर्ट में जवाब देने के लिए सरकार के पास दो हफ्तों का समय है। इसलिए गेस्ट टीचर सब्र करें, सरकार कोई न कोई सकारात्मक विकल्प निकालेगी, जिससे हाईकोर्ट के आदेशों का पालन हो जाए और गेस्ट टीचर भी बेरोजगार न हाें। उन्होंने कहा कि सरकार किसी को भी बेरोजगार करने के पक्ष में नहीं है।
विज बोले, पूर्व सरकार है इसकी जिम्मेदार: स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि भाजपा सरकार रोजगार देने का काम करती है, रोजगार छीनने का नहीं। गेस्ट टीचरों का विवाद पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल की देन है। उनके अनुसार हुड्डा ने बिना पद सृजित किए गेस्ट टीचर के पर नियुक्तियां कर दीं। उस समय सभी यह तय था कि स्कूलों में पक्के टीचर आने के बाद गेस्ट टीचरों को हटा दिया जाएगा। आज जो हालात बने हैं, उसके लिए हुड्डा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कानून के तहत काम कर रही है। सरकार की कोशिश है कि कोई बेरोजगार न हो। अभी सरकार के पास 15 दिन हैं। उम्मीद है सबकुछ ठीक होगा।
देवा ठाकुर का बयान: हिंदू महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवा सिंह ठाकुर का कहना है कि मुझे जानकारी मिली थी कि कुछ अतिथि अध्यापक नौकरी के मामले को लेकर धर्मांतरण की फिराक में हैं। धर्म परिवर्तन को रोकने और अपना समर्थन देने के लिए मैं गेस्ट टीचर्स के बीच गई थी। सरकार को इनकी रोजी रोटी के बारे में सोचना चाहिए। देवा सिंह ठाकुर ने मंच से कहा कि इस मुख्यमंत्री खट्टर से तो पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला अच्छे हैं, जो अध्यापकों को रोजगार देने के मामले में जेल काट रहे हैं। सरकार गेस्ट टीचर्स पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सीएम मनोहर लाल खट्टर 20 मई को महाराणा प्रताप की जयंती पर सेक्टर 12 ग्राउंड में आ रहे हैं, यहीं पर उनका घेराव करें।
सरकार नौकरी दे नहीं, छीन रही है - हुड्डा: प्रदेश में गेस्ट टीचरों को हटाए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में पूर्व सीएम ने कहा कि खट्टर सरकार लोगों को नौकरियां दे नहीं रही बल्कि छीन रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते छह महीने में एक भी व्यक्ति को नौकरी नहीं दी है, उलटे गेस्ट टीचर, लैब सहायक और कंप्यूटर टीचरों की नौकरी छीनने का काम ही किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के कर्मचारी भी सुप्रीम कोर्ट से स्टे लाकर फिलहाल नौकरी बचा पाए हैं। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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