Saturday, March 14, 2015

SCERT ने जारी की गलत आंसर की, शिक्षक नाराज

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का मनोवैज्ञानिक ज्ञान जांचने के लिए बोर्ड की तर्ज पर परीक्षा ले रहा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) आंसर-की जारी के बाद विवादों में घिर गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए जारी की गई आंसर-की प्रश्न पत्रों के विपरीत है। इस मामले में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने गहरा रोष
व्यक्त किया है। संघ का कहना है कि परीक्षा के बहाने अध्यापकों का विवेक परख रहा एससीईआरटी खुद विवेकहीन है। प्रदेश में पहली बार एससीईआरटी गुड़गांव द्वारा तैयार किए गए प्रश्न पत्रों के आधार पर परीक्षा ली जा रही है। बोर्ड की तरह दूसरे विद्यालयों का स्टाफ परीक्षा ले रहा है। पहली से पांचवीं कक्षा के गणित विषय की परीक्षा होने के बाद एससीईआरटी ने आंसर-की जारी की है, जिससे बवाल खड़ा हो गया है। चूंकि आंसर-की प्रश्नपत्र से मेल नहीं खा रही है। चौथी कक्षा के बच्चों को मिले प्रश्न पत्र के तीसरे सवाल में पूछा गया था कि पांच अंकों की सबसे बड़ी संख्या क्या है? आंसर-की में जवाब है 700। इसी तरह इसी प्रश्न पत्र का सातवां सवाल है कि रुपये 69 में कितने पैसे होंगे? आंसर-की में जवाब है रेलवे। मात्र दो सवालों के उत्तर ऐसे नहीं है, प्रश्न पत्र में पूछे गए सभी सवालों की आंसर-की गलत आई है। यही हाल पांचवीं की आंसर-की का है। पांचवीं के गणित विषय के प्रश्न पत्र के दूसरे सवाल में बच्चों से पूछा गया था कि स्कूल की पानी की टंकी में 100 लीटर पानी आता है। यदि टंकी में 70 लीटर पानी हो तो उसे भरने में कितने लीटर पानी चाहिए? एससीईआरटी की आंसर की में इस सवाल का जवाब दिया गया है 62041 (सिक्सटी टू थाऊजेंड फॉर्टी वन)। पांचवीं कक्षा के प्रश्न पत्र की आंसर-की भी गलत है। गलत आंसर-की ने अध्यापकों को सांसत में डाल दिया है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष बूटा सिंह ने बताया कि शैक्षणिक सत्र की शुरूआत में सरकार ने एजूकेशन कैलेंडर जारी किया था। इसके अनुसार बच्चों की सेमेस्टर परीक्षा होनी थी। सरकार कमीशनखोरी के चक्कर में शिक्षा का बेड़ा गर्क करने पर तुली हुई है। बच्चों को लंबे-चौड़े प्रश्न पत्र पकड़ाकर शिक्षा के प्रति डर पैदा करना चाहती है। सही मायने में सरकार एससीईआरटी के बहाने शिक्षा में आतंक फैला रही है। बच्चों ने जो परीक्षा दी थी, उसके विपरीत आंसर-की जारी हुई है। आंसर की से प्रतीत होता है कि सरकार को बच्चों की अपेक्षा एससीईआरटी के मनोवैज्ञानिक ज्ञान के मूल्यांकन की जरूरत है।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.