Tuesday, March 24, 2015

कंप्यूटर शिक्षा केलिए निजी कंपनियों से किया अनुबंध समाप्त, पैसा वापस देने की प्रक्रिया होगी शुरू

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हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली तीनों निजी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कंपनियों की सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश बीते 19 फरवरी को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बतौर मध्यस्थ कर दी थी। टेंडर बर्खास्तगी के आदेश
रविवार देर शाम जारी किए गए। विभाग ने कंपनियों की लगभग साढ़े आठ करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली है। अभी कंपनियों को दी जा चुकी शिक्षकों के दो महीने के वेतन की राशि वसूल की जाएगी। निजी कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर कंप्यूटर शिक्षकों से 24 हजार रुपये सिक्योरिटी राशि और 2250 रुपये प्रशिक्षण फीस अवैध तौर पर वसूली थी। विभाग की जांच में ये दोष साबित हो चुके हैं। कंपनियों की बैंक गारंटी से अब शिक्षकों को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षकों के सिक्योरिटी राशि के लगभग पौने सात करोड़ रुपये और प्रशिक्षण फीस के 64 लाख रुपये बनते हैं। इसके अलावा फरवरी और मार्च महीने के वेतन के लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये बकाया हैं। कंप्यूटर शिक्षक बीते 65 दिन से शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना देकर कंपनियों के बर्खास्तगी आदेश जारी करने और शिक्षा विभाग में समायोजन की मांग कर रहे थे। कंपनियां तो बाहर हो गई हैं, लेकिन सरकार ने शिक्षकों के समायोजन को लेकर अभी रुख स्पष्ट नहीं किया है। साढ़े 28 सौ शिक्षक मांग पूरी होने पर ही धरना खत्म करेंगे। 1 अप्रैल से नया शिक्षा सत्र भी शुरू होने वाला है, अब देखना यह है कि विभाग इन्हीं शिक्षकों की सेवाएं जारी रखता है या फिर नई भर्ती की जाती है। कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन का कहना है कि अभी सिर्फ दोषी कंपनियों को सजा मिली है। शिक्षकों के भविष्य पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। कंपनियां श्रीराम न्यू हारीजन पीवीटी एलटीडी, ट्रांसलाइन टेक्नालाजी पीवीटी, मेसर्स भूपिंद्र सोसायटी को बर्खास्त किया गया है। 

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साभार: जागरण समाचार
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