Wednesday, March 25, 2015

आंदोलन के दबाव में झुकी सरकार: रहेंगे गेस्ट टीचर बरकरार

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स्थायी नौकरी के लिए दो दिन से करनाल में डेरा डाले प्रदेश भर के गेस्ट टीचरों के आगे झुकते हुए सरकार ने उन्हें न हटाने का ऐलान किया है। चंडीगढ़ में मंगलवार को गेस्ट टीचरों के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के साथ बैठक में सहमति बनने के
बाद सरकार ने निर्णय किया कि गेस्ट टीचर को हटाया नहीं जाएगा। इसके साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि पूर्व में हटाए जा सके 518 गेस्ट टीचर को फिर से ज्वॉइन करवाया जाएगा। इस घोषणा के साथ ही करनाल में धरने पर बैठे गेस्ट टीचरों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि चंडीगढ़ में दोपहर 12 बजे से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, शिक्षा विभाग के निदेशक एमएल कौशिक व प्रधान सचिव टीसी गुप्ता के साथ संघ के प्रतिनिधमंडल की करीब एक घंटे तक वार्ता चली। बैठक पूरी तरह सकारात्मक रही और सरकार ने आश्वासन दिया कि एक भी गेस्ट टीचर को नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा हाल ही हटाए गए अतिथि अध्यापकों को भी फिर ज्वानिंग दी जाएगी। चंडीगढ़ से करनाल पहुंचने के बाद भी संघ के सभी जिला प्रधानों की एक घंटा वार्ता चली और शाम 6 बजकर 8 मिनट पर धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया गया। 

नियमित करने का आश्वासन: अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि अधिकारियों व मंत्रियों ने भरोसा दिया कि सभी गेस्ट टीचर्स को तीन साल की पॉलिसी के तहत नियमित किया जाएगा। पात्र अध्यापकों की ओर से 4073 अतिथि अध्यापकों को न हटाए जाने पर हाईकोर्ट में दायर अवमानना केस के खिलाफ अब सरकार और अतिथि अध्यापक मिलकर लड़ेंगे। राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सहित तमाम अधिकारियों के साथ हुई बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में ऐसा कोई हलफनामा नहीं दिया, बल्कि यह तो शिक्षा विभाग की एडीशनल डायरेक्टर सुमेधा कटारिया ने दिया था, जिसमें उन्होंने यह कहा कि 4073 अतिथि अध्यापकों को 31 मार्च तक हटाया जाएगा। गुप्ता ने कहा कि मैं तो सरकार का अंग हूं।
12 मई को होगी अवमानना मामले की सुनवाई: प्रदेश भर में 15993 गेस्ट टीचर हैं। इनमें से 518 को पूर्व में हटाया जा चुका है और 4073 शिक्षकों को 31 मार्च तक हटाने के आदेश थे। अतिथि अध्यापकों को न हटाए जाने पर पात्र अध्यापकों की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना केस दायर किया गया था। इसकी सुनवाई 12 मई को होगी। हटाए जा चुके 518 गेस्ट टीचर्स में करनाल की सुनीता व अन्य ने योग्यता पूरी करते हुए उन्हें नहीं हटाए जाने की बात कोर्ट में रखी है। साथ ही गेस्ट टीचरों को गलत तरीके से सरप्लस दिखाए जाने का मामला भी कोर्ट में है। इसकी सुनवाई 25 मार्च को होनी है।
10 तक सरकार को दिया अल्टीमेटम: अतिथि अध्यापक संघ ने सरकार को उनसे किया वादा पूरा करने का 10 अप्रेल तक का अल्टीमेटम दिया है। संघ ने घोषणा की है कि सरकार एक भी वादे से मुकरी तो करनाल में ही फिर महाआंदोलन किया जाएगा। इससे पहले मंगलवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे अतिथि अध्यापक संघ के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए प्रशासन चंडीगढ़ ले गया। प्रतिनिधिमंडल में प्रधान राजेंद्र शास्त्री, उप प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप झरौली, पानीपत से सुनीता, सोनीपत से पुष्पा व फरीदाबाद के प्रधान रघु वत्स शामिल रहे। 
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साभार: अमर उजाला समाचार
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