Monday, March 2, 2015

पूरे पाठ्यक्रम की परीक्षा पर अध्यापक संघ लामबंद

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हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-70 से संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन और चेयरमैन कुलभुषण शर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग के नए फैसलों से अध्यापक, अभिभावक और विद्यार्थी असमंजस में हैं। रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि बच्चों ने पढ़ाई तो सेमेस्टर प्रणाली के तहत की थी, लेकिन अब उन्हें परीक्षा पूरे पाठ्यक्रम से देने को कहा गया है। जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक सतत मूल्यांकन प्रणाली के अनुसार बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाता है। उसमें वार्षिक
परीक्षा जैसा कोई भी प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यापक और अभिभावक वार्षिक परीक्षा का विरोध नहीं करते, लेकिन इस प्रकार स्कूल कैलेंडर के साथ छेड़छाड़ व तुरंत जारी तुगलकी फरमानों से बच्चों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे जो पाठ्यक्रम पांच माह पहले पढ़ चुके हैं और जिसका रिवीजन भी उन्होंने नहीं की है, उन पाठों से परीक्षा कैसे दे सकते हैं। उधर, अध्यापक भी बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी देने के लिए गए हुए हैं। अध्यापक संघ के प्रांतीय महासचिव संजीव मंदोला व प्रवक्ता रविंदर राणा ने कहा कि शिक्षा में जो भी सुधार करना हो, उसे नए सत्र से किया जाना चाहिए। कहा कि सभी बच्चों का मानसिक व बौद्धिक स्तर एक जैसा नहीं होता, कुछ बच्चे जल्दी तनाव में आ जाते हैं। शिक्षा विभाग को जो भी नया परिवर्तन करना है, नए सत्र से करे और यूनियन, प्रांतीय अध्यापकों और शिक्षाविदों के साथ सलाह करनए नियम लागू करे। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक संघ इन तुगलकी फरमानों के खिलाफ लामबंद होकर आंदोलन की तैयारी में हैं। 
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साभार: अमर उजाला समाचार
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