Tuesday, March 10, 2015

अब पाठ्यक्रम में पूर्वोत्तर को इतिहास भी होगा शामिल

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एनसीइआरटी के पाठय़क्रम में जल्द ही अब पूर्वोत्तर का इतिहास शामिल होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को एक पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि वे पाठ्यक्रम में पूर्वोत्तर के इतिहास को शामिल करे। खासकर नार्थ-इस्ट क्षेत्र के इतिहास पर कहानियां एवं उपन्यास को अधिक वरीयता दी जाए। पत्र के अनुसार उन हस्तियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर
अपनी अहम भूमिका निभाई है। साथ ही विश्वविद्यालयों को यह भी आदेश दिए गए हैं कि विद्यार्थियों को देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भी ले जाया जाए और वहां कुछ समय बिताकर उन्हें उक्त क्षेत्र की संस्कृति से अवगत करवाया जाए। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में समय-समय पर पूर्वोत्तर क्षेत्र की संस्कृति पर केंद्रित कार्यक्रमों का आगाज किया जाए। बता दें कि संस्कृति मंत्रलय का पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र एक स्वायत्त निकाय है और अपनी योजनाओं के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। पत्र के मिलते ही विश्वविद्यालयों ने इस ओर अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। यूजीसी की यह पहल नए सत्र से विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में नजर आएगी। कहीं न कहीं इससे विद्यार्थी पूर्वोत्तर की संस्कृति को करीब से जान पाएंगे। वहीं, बंसीलाल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. आर के यादव का कहना है कि यूजीसी की यह पहल सराहनीय है। इससे विद्यार्थी पूर्वोत्तर की संस्कृति को जहां जान पाएंगे।
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साभार: जागरण समाचार
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