Saturday, March 21, 2015

कहाँ से आए याहू, गूगल, स्काइप जैसे नाम और क्या हैं इनके अर्थ

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याहू, एप्पल, गूगल इन दिनों अपनी वैल्यूएशन को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में आई फोर्ब्स रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल(712.02 बिलियन) और गूगल(376.68 बिलियन) की वैल्युएशन इतनी हो चुकी है कि वो दो छोटे देश खरीद सकते हैं। वैल्यूएशन के चलते हर जुबां पर इन कंपनियों का नाम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन कंपनियों का नाम कैसे पड़ा। क्या है इन कंपनी के नाम
का अर्थ और कैसे पड़े ये नाम। इन कंपनियों के नाम के पीछे की कहानी अजीब है। इनके संस्थापकों के लिए कंपनी का नाम चुनना आसान नहीं था। 
क्यों रखा ऐसा नाम: कुछ टेक कंपनियों के संस्थापक का कहना है कि मौजूद नामों में से उन्हें जो हाथ लगा उसे ही कंपनी का नाम रख लिया। वहीं, कुछ का कहना है कि वे ऐसा नाम अपनी कंपनी के लिए रखना चाहते थे, जिसका कोई मतलब ही नहीं निकलता हो। कुछ उद्यमियों ने अपने पालतू कुत्ते पर कंपनी का नाम रख लिया। यहां कुछ प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों के विचित्र नाम रखने की दिलचस्प स्थितियों के बारे में बताया गया है: 
  1. Yahoo: याहू शब्द याहूज से लिया गया है जो एक जंगली जानवर होता है। जिसका अर्थ होता है असभ्य, अपरिष्कृत और गंवार। याहू शब्द यानी यट अनॉदर हाइयरार्किकल ऑफिसियस ऑरेकल गुलिवर की यात्राओं से प्रेरित है। जैरी यांग और डेविड फिलो ने अपनी कंपनी का नाम 1994 में बदलकर 'जैरीज गाइड टू द वर्ल्ड वाइड वेब' कर दिया था। याहू शब्द का चयन इसके साहित्यिक अर्थ के लिए किया गया। जोनाथन स्विफ्ट की गुलिवर की यात्राओं में याहूज जंगली जीव थे, जिसका अर्थ होता है असभ्य, अपरिष्कृत और गंवार। 
  2. Twitter: सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर को पहले स्टेटस पुकारा गया और फिर ट्विटेक। ट्विटर के संस्थापकों ने 'स्टेटस' टाइटल लिया और बाद में अच्छे नाम के लिए शब्दकोष खंगाला। कंपनी के संस्थापक डॉरसे लॉस एंजल्स टाइम्स को बताते हैं, 'हम ऐसी फीलिंग लाना चाहते थे कि आप अपने दोस्त की जेब में गूंज रहे हैं। यह पूरी दुनिया में गूंज जैसा हो। इसके लिए ट्विटेक शब्द चुना गया, लेकिन यह भी उपयुक्त नहीं लगा। हमने शब्दकोष को फिर खंगाला और ट्विटर शब्द पसंद आया। इसका मतलब पक्षियों की चीं-चीं या अप्रासंगिक जानकारियों का विस्फोट होता है।'
  3. Apple: एक सामुदायिक फार्म पर काम करते हुए स्टीव जॉब्स के दिमाग में यह शब्द आया। जॉब्स के सह-संस्थापक स्टीव वोजनिक बताते हैं, 'पालो अल्टो और लॉस अल्टो के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 85 पर गाड़ी चलाते समय स्टीव के दिमाग में कंपनी का नाम एप्पल कंप्यूटर्स रखने का विचार आया'। स्टीव खुद कहते हैं कि मेरे दिमाग में शानदार नाम सूझा। हो सकता है यह सेबों के पेड़ों के बीच काम करते ही आया हो। 
  4. Google: 'गूगल' गणितीय शब्द गूगोल से निकला है। यह वह संख्या है 1 के पीछे 100 शून्य लगे होते हैं। गूगल के संस्थापकों सर्जी ब्रेन और लैरी पेज ने सबसे पहले अपने सर्च इंजन का नाम 'बैक रब' रखा था। इसके बाद उन्होंने नाम बदलकर गूगल रख लिया। ब्रेन और पेज ने इस शब्द को इसलिए उपयुक्त पाया क्योंकि यह एक ऐसे शक्तिशाली सर्च इंजन का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें भारी भरकम सूचनाओं को हासिल किया जा सकता है। 
  5. Skype: वीडियो कॉलिंग की सेवाएं देने वाली स्काइप का नाम पहले 'स्काई पीर टू पीर' रखा गया था। इसके बाद इसका नाम स्काइपर किया गया। बाद में डोमिन नामों की शर्तों के तहत आर को छोडऩा पड़ा और इस तरह से स्काइप नाम पड़ा। 
  6. Zynga: 'जिंगा' मार्क पिंकस के पालतू बुलडॉग का नाम था। जिंगा एक कंपनी के बजाय पालतु जानवर की ज्यादा फीलिंग देता है। इसलिए सोशल गेमिंग कंपनी जिंगा का नाम मार्क पिंकस ने अपने अमेरिकन बुलडॉग जिंगा के बाद अपनी कंपनी का यह नाम रखा। 
  7. Yipit: ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने वाली यिपित के सह संस्थापक विनिसियस वेकेंटी बताते हैं कि डेली डील्स एग्रीगेटर का नाम रखना कितना मुश्किल था। इसके लिए 'सबकुछ समझदारी से लिया है' लाइन को ध्यान में रखना था। इसके लिए भयानक नामों की लंबी सूची पर नजर दौड़ाई गई। स्ट्रीटकेक, फ्रेंकेनसिटी, लोथम, सिटीबेट,नोचर, जैक्सम जैसे नामों पर विचार किया गया। वे कहते हैं कि उनको छोटा नाम चाहिए था और डोमिन को इट के साथ खत्म करना चाहते थे। उन्होंने उपलब्ध करीब 400 डोमिन्स में से चुनने की कोशिश की गई। आखिर उनको यिपिट डॉट कॉम पसंद आया।  
  8. Pandora: इंटरनेट रेडियो सर्विस देने वाली कंपनी पैंडोरा का मतलब यूनान की एक देवी होता है। इस म्यूजिक कंपनी की वेब पेज पर भी इसके बारे में लिखा गया है। ग्रीक भाषा में इसका अर्थ होता है सभी तरह से प्रतिभाशाली। 
  9. Hulu: ऑनलाइन वीडियो सवाएं देने वाली हुलु चीन की मंदारिन भाषा का शब्द है और इसके दो अर्थ होते हैं तुम्बी या तुंबा और इंटेरेक्टिव रिकॉर्डिंग। हुलु के सीईओ जैसन किलर लिखते हैं कि कैसे हुलु शब्द को कंपनी के नाम के लिए चुना गया। वे बताते हैं कि एरिक, क्रिस्टीना, ईजेन आदि ढेरों नामों पर विचार किया गया, लेकिन आखिर में हुलु की सलाह दी गई। यह शब्द हमारे मिशन के काफी करीब लग रहा था।
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साभार: भास्कर समाचार
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