Thursday, August 7, 2014

हालात: टीचर ने नेबर को नाइबर लिखा, अफसर ने स्पेलिंग की स्पेलिंग गलत लिखी

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक सरकारी स्कूल और शिक्षकों की योग्यता देखिए। कक्षा 6 के बच्चे ने पड़ोसी शब्द का इंग्लिश उच्चारण 'नेबर' लिखा जो सही है। टीचर ने उसे काट कर 'नाईबर' कर दिया। पढ़ाई की क्वालिटी जांचने बुधवार को स्कूल पहुंचे। 
एपीसी सोहन शिंदे ने स्पेलिंग मिस्टेक मिलने पर कॉपी में लिखा- स्पेलिंग का पहला शब्द केपिटल होना चाहिए। नोट में एपीसी ने स्पेलिंग शब्द ही गलत लिख दिया। एसडीएम सुनील कुमार झा ने उन्हें टोका तो वे हंसकर रह गए। बच्चे सही लिख रहे हैं और टीचर व अफसर गलत। इन हालात में सरकारी स्कूल की पढ़ाई का स्तर गिरने का जिम्मेदार किसे माना जाए। बुधवार को स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता जांचने का अभियान था। जिला मुख्यालय पर दोपहर 12.25 बजे जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक जितेंद्र ठेकेदार, डाइट प्राचार्य राजेंद्र सक्सेना विरियाखेड़ी जवाहर मावि पहुंचे। एसडीएम सुनील झा ने शिक्षक व निरीक्षक दल की गलती पकड़ी। प्राचार्य सविता साल्वी ने
निरीक्षक दल को स्पष्टीकरण दिया कि उनके यहां अंग्रेजी के टीचर नहीं हैं, इस कारण गलतियां हुई।
इसके बाद एसडीएम व निरीक्षण टीम डीआरपी लाइन मावि पहुंची। टीचर्स ने कापियां जांचें बिना राइट कर दी। कापी में ढेरों गलतियां थी। कारण पूछा तो शिक्षक सही जवाब नहीं दे पाए। पढ़ाई भी अधूरी थी। एसडीएम ने प्रधान अध्यापक अब्दुल रफीक खान व शिक्षिका सिंधुबाला शर्मा को कारण बताओ नोटिस थमा दिया।
शिक्षिकाएं बीएड करने गई, अतिथि के भरोसे स्कूल: तहसीलदार संजय वाघमरे ने एपीसी रमेश गोदार, जनशिक्षक मुकेश राठौर के साथ सनावद, सितावद और बंबोरी के स्कूलों को चैक किया। सनावद में तीनों अध्यापिकाएं बीएड करने गई थी। स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा था। बंबोरी में स्कूल बिल्डिंग की छत टपक रही था। सितावद में उन्होंने बच्चों के साथ मध्याह्न भोजन किया। सितावद में पढ़ाई का स्तर ठीक था, क्लास रूम की स्थिति और लड़कियों का शौचालय नहीं होने की शिकायत मिली। स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं था। 
इन बिंदुओं पर जांची गुणवत्ता:
  • 6 अगस्त तक तय लेसन पढ़ाए हैं या नहीं।
  • पढ़ाए गए पाठ के प्रश्न-उत्तर बच्चे को समझ आया या नहीं।
  • स्टूडेंट के नोट्स में क्या गलतियां हैं, सुधारकर उसे बताना है। 
ये हालात मिले स्कूलों में: 
  • निर्धारित पाठ नहीं पढ़ाए गए।
  • शिक्षकों की कमी के कारण कुछ विषय पढ़ाए ही नहीं गए।
  • कापियों को सही तरीके से नहीं जांचा गया।
  • बच्चों ने सही लिखा तो शिक्षक ने गलत कर दिया।
  • बच्चे पुराने छात्रों की कापियों से ही पढ़ते नजर आए। 
27 दल, 103 स्कूल, 50 से अधिक में पढ़ाई ठीक नहीं: डाइट प्राचार्य एवं जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक राजेन्द्र सक्सेना ने बताया जिले के 105 स्कूलों को चैक किया जाना था। बारिश के कारण पिपलाैदा के दो स्कूलों में टीम नहीं पहुंच पाई। 103 स्कूलों में पढ़ाई के हालात 27 टीम ने चैक किए। 50 से अधिक स्कूलों में व्यवस्थाएं ठीक नहीं मिली। जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं।
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE