Wednesday, December 26, 2012

जिला प्रशासन नहीं कर सकता छुट्टियों की घोषणा

हरियाणा शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि कोई भी जिला प्रशासन इस बार अपनी मर्जी से स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों की घोषणा या तिथि बढाने जैसा फैसला नहीं कर पाएगा। शिक्षा विभाग की अनुमति से ही छुट्टियों को बढ़ाया या कम किया जा सकता है। यह निर्णय शिक्षाधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों में निर्धारित पीरियड और घंटे पूरा करने के लिए लिया गया है। अब से पहले जिला प्रशासन अपनी मर्जी से स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा देता था, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। आमतौर पर सर्दी का प्रकोप दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जाता है। इसलिए शिक्षा विभाग की ओर से इन दिनों शरदकालीन अवकाश कर दिया जाता था। वहीं सर्दी की अधिकता को देखते हुए जिला प्रशासन भी अपने स्तर पर इन छुट्टियों को बढ़ा देता था। इसलिए बच्चों और अभिभावकों को ज्यादा परेशानी नहीं होती थी, लेकिन पिछले सत्र से विभाग ने छुट्टियों का शेड्यूल 7 से 16 जनवरी तक निर्धारित कर दिया। इसके साथ ही यह निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं कि स्कूलों में किसी भी प्रकार की छुट्टियां करने से पहले विभागीय अनुमति जरूरी है। ऐसी अनुमति भी किसी विशेष परिस्थिति में ही दी जाएगी। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन पहले की तरह अपने स्तर पर निर्धारित तिथि से पहले सर्दी की छुट्टियां नहीं कर पाएगा। विभाग की माने तो इसके पीछे सेमेस्टर प्रणाली को कारण बताया जा रहा है। इस प्रणाली के तहत पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान स्कूलों में 240 दिन निर्धारित किए गए हैं। इसलिए राजपत्रित और ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद ऐसे दिनों की संख्या काफी कम बचती है। ऐसी स्थिति में अगर जिला प्रशासन अपने स्तर पर छुट्टियां करता है तो इससे पूरी सेमेस्टर प्रणाली गड़बड़ा जाती है। इसलिए विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए कि आपात स्थिति को छोड़कर जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की छुट्टियां न की जाए। लेकिन बढती सर्दी के कारण बच्चे और उनके अभिभावक खासे परेशान हैं। 20 दिसंबर के बाद से हरियाणा के तापमान में भारी गिरावट आई है। पिछले तीन दिनों से धुंध भी छाई हुई है। इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नए वर्ष तक सर्दी का प्रकोप बढ़ जाएगा। वहीं, स्कूलों का समय सुबह नौ बजे है। ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी परेशान हैं। अभिभावक मंच के सचिव त्रिलोक बंसल का कहना है कि मौसम साफ न होने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों को ऑटो या बस से स्कूल भेजने के बाद भी अभिभावक चिंतित रहते हैं। इसलिए जिला प्रशासन को धुंध या अधिक सर्दी होने पर विभागीय निर्णय में हस्तक्षेप करना चाहिए। ताकि बच्चों को छुट्टियों की राहत मिल सके।
साभार: दैनिक भास्कर समाचार  

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