Saturday, June 23, 2012

चार साल के अनुभव को TET से छूट पर केंद्र का हरियाणा सरकार को नोटिस

हरियाणा में होने जा रही पी जी टी भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय एवं NCTE ने इस विषय में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है । प्रदेश में होने जा रही 14216 पी जी टी की भर्ती में हरियाणा सरकार ने अतिथि अध्यापकों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन करते हुए एक नया ही नियम बना डाला कि यदि किसी अभ्यर्थी का TET पास नहीं किया हुआ है परन्तु वह चार साल से किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी विद्यालय में पढ़ा रहा है तो वह भी आवेदन कर सकता है जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत एवं NCTE के नियमों के अनुसार पूरे भारत में कहीं भी केवल वही व्यक्ति अध्यापक पद के लिए आवेदन कर सकता है जिसने अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई है । इस विषय में NCTE ने 23 अगस्त, 2010 को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। अब हरियाणा सरकार ने नया सेवा नियम बना दिया कि जिनका TET क्लीयर नहीं है और वे चार साल से उसी पद पर अध्यापक के तौर पर कार्य कर रहे हैं तो वे इस शर्त पर भर्ती में भाग ले सकते हैं कि 1 अप्रैल, 2015 से पहले उन्हें TET पास करना होगा।  पात्र अध्यापक  ने इस विषय को लेकर 17 अप्रैल को मानव संसाधन मंत्रालय को शिकायत की और मंत्रालय ने सकारात्मक कार्यवाही  करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर दिया तथा अपना पक्ष रखने को कहा । इसके बाद हरियाणा शिक्षा विभाग की मुख्य सचिव ने 8 मई को अपना जवाब पेश किया जिसमें बताया गया कि यह छूट केवल एक बार के लिए है, यदि कोई अध्यापक 1 अप्रैल 2015 तक पात्रता परीक्षा पास नहीं कर पाया तो उसकी सेवा अपने आप समाप्त हो जाएगी। परन्तु मानव संसाधन मंत्रालय ने इस जवाब को सिरे से खारिज करते हुए इस प्रकार की छूट को अधिनियम का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि किसी वर्ग विशेष को विशेष छूट देना कोई क़ानून नहीं है। जहाँ पूरे देश में शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत TET पास करना अनिवार्य है वहां एक राज्य विशेष में सरकार द्वारा अपनी मनमानी करना गलत है।
अब पात्र अध्यापक संघ ने इस नए व बेतुके नियम को हाई कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है । इन सब बातों को  हुए यह भी प्रतीत होता है कि हरियाणा सरकार समय पर भर्ती करने में असफल हो सकती है और सुप्रीम कोर्ट की फटकार सहन करने के लिए सरकार को तैयार रहना होगा।
Courtesy: Punjab Kesari